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हाल ही में देश के कुछ प्रसिद्ध IAS कोचिंग संस्थानों की कक्षाओं की वीडियो क्लिप्स वायरल हो गई। इन वीडियो क्लिप्स में देखा जा सकता है कि कैसे कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले फैकल्टी छात्रों को अप्रत्यक्ष रूप से हिंदू धर्म से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। इन क्लिप्स के सामने आने से ऐसा लगता है जैसे ये कोई शिक्षण संस्थान नहीं बल्कि वामपंथी विचारधारा के ट्रेनिंग सेंटर हैं।
वायरल हुई इन वीडियो क्लिप्स में देखा जा सकता है कि इन संस्थानों के फैकल्टी सदस्य छात्रों को कोचिंग के नाम पर वामपंथी प्रोपेगेंडा का ज्ञान दे रहे हैं। Vision IAS कोचिंग के एक क्लिप में फैकल्टी को औरंगजेब का महिमामंडन करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में फैकल्टी छात्रों से कहते हुए दिखाई दे रहा है कि औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर का ध्वंस कुछ अच्छे पंडितों के कहने पर किया था। उसके अनुसार कुछ पंडितों ने औरंगजेब से शिकायत की थी कि मंदिर में कुछ अनैतिक गतिविधियां चल रही है और इसी शिकायत पर अमल करते हुए औरंगजेब ने ये कार्यवाही की। विडंबना देखिए कि हिंदुस्तान के तत्कालीन बादशाह ने उन अनैतिक गतिविधियों को रोकने की जगह मंदिर का ही ध्वंस कर दिया। इससे भी बड़ी विडंबना ये है कि IAS जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी करवाने वाला व्यक्ति इतना सा दिमाग नहीं लगा पाया कि अगर औरंगजेब एक अच्छा बादशाह था तो अनैतिक गतिविधियों को रोकता, ना कि मंदिर ही तोड़ देता।
इसी तरह के एक दूसरे वीडियो में एक अन्य फैकल्टी छात्रों को सलाह देता हुआ दिख रहा है कि वह औरंगजेब की मजहबी नीतियों के बारे में परीक्षा में ना लिखे।
दरअसल कोचिंग संस्थानों में छात्रों को ये सारी बातें इस तरह से सिखाई जा रही हैं जो उनके सबकॉन्सियस माइंड पर प्रभाव डालती हैं और बाद में वे एक IAS अधिकारी बने या ना बने लेकिन एक वामपंथी हिंदू विरोधी जरूर बन जाते हैं।
इस कोचिंग संस्थानों में हिंदू धर्म की विभिन्न प्रथाओं और परंपराओं को भी निशाना बनाए जाने के अनेकों वीडियो सामने आए हैं। Vision IAS के ही एक अन्य वीडियो में फैकल्टी अपने छात्रों को बता रहा है कि यमुना के प्रदूषण के लिए ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ का कार्यक्रम जिम्मेदार है। यही फैकल्टी नमाज के मामले में सलाह देते हैं कि अगर किसी को दिक्कत है तो अपने घर की साउंड प्रूफिंग करवा ले।
ऐसा नहीं हैं कि इस तरह की हिंदुत्व विरोधी बाते केवल Vision IAS की कक्षाओं में ही बताई जा रही हैं। इससे पहले दृष्टि IAS के प्रसिद्ध शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति की भी कुछ क्लिप्स वायरल हो चुकी हैं, जिनमें वह अप्रत्यक्ष रूप से छात्रों के सामने हिंदू धर्म की मान्यताओं और विश्वासों पर तंज कसते हुए दिखाई देते हैं। विकास दिव्यकीर्ति के बहुत से विडियोज में देखा जा सकता है कि वह कैसे महिलाओं के शोषण के लिए हिंदू धर्म की परंपराओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
विकास दिव्यकीर्ति के विडियोज में मार्क्सवादी – वामपंथी विचारधारा का प्रभाव आसानी से देखा जा सकता हैं। वह अपनी कक्षाओं में छात्रों को अप्रत्यक्ष रूप इस विचारधारा का ज्ञान देते हुए देखे जा सकते हैं। ऐसे ही एक वीडियो में विकास दिव्यकीर्ति अपने छात्रों को समझते हुए दिख रहे हैं कि कोई लड़की अगर अपनी हॉबी कुकिंग बताती है तो कितना अजीब लगता है। वहीं एक लड़के के लिए विकास बोलते हैं कि अगर लड़का कुकिंग करे तो उसकी मां उसे कहती है कि तुम्हारे लिए कोई लड़की ट्रेनिंग ले रही होगी।
वास्तव में ऐसा करके विकास और अन्य कोचिंग संस्थानों के फैकल्टी सदस्य अपने छात्रों के सबकॉन्सियस माइंड में वामपंथी विचारधारा के बीज डालने का काम कर रहे हैं। यही छात्र जब बाद में आईएएस अधिकारी बनते हैं तो वामपंथी विचारधारा को ही आगे बढ़ाने का काम करते हैं।
वामपंथी विचारधारा के अलावा इन कोचिंग संस्थानों में इस्लाम का भी अप्रत्यक्ष प्रचार प्रसार किया जा रहा है। Vision IAS के ही एक अन्य वीडियो में फैकल्टी स्मृति शाह भक्ति काल को पढ़ाते हुए बताती हैं कि इस्लाम दुनिया का सबसे उदार धर्म है और इसके आने से हिंदू इसकी ओर आकर्षित होने लगे। उसके बाद हिंदू धर्म के लोगों ने भक्ति आंदोलन की शुरुआत की, ताकि हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित होने से रोका जा सके। ऐसा करके स्मृति बताती हैं कि हिंदू, इस्लाम की अच्छाइयों से आकर्षित हो रहे थे। स्मृति अपनी बात को समझाने के लिए हिंदू धर्म में छुआछूत का उदाहरण देते हुए कहती हैं कि इस्लाम में सभी बराबर होते हैं।
हालांकि भारत में दलितों के मसीहा कहे जाने वाले और संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर इस्लाम के तथाकथित भाईचारे पर काफी विस्तृत चर्चा कर चुके हैं। डा. अंबेडकर इस्लाम के भाईचारे को एक मुस्लिम का दूसरे मुस्लिम के भाईचारे के रूप में समझाते हैं। ऐसे में यह संभव हो ही नहीं सकता कि इस्लाम की इस तथाकथित अच्छाई से आकर्षित होकर कोई दलित इस्लाम में परिवर्तित हो जाए।
कोचिंग संस्थानों में इस तरह के वामपंथी और इस्लामी प्रोपेगेंडा के प्रचार – प्रसार और इस तरह के कोचिंग संस्थानों के कुकुरमुत्ते की तरह से उग आने के कारण यह चिंता का विषय है कि यहां से प्रशिक्षित बच्चे और अधिकारी आगे चलकर कैसे समाज का निर्माण करेंगे।